यरूशलेम मे पतरस और यूहन्ना शेष प्रेरितों की सेवा

यरूशलेम में  प्रेरित द्वारा की सेवा को जानते हैं, जिसमें कई प्रकार के क्वेश्चन भी है,प्रेरित 1 अध्याय से लेकर 7 अध्याय तक, पूरी रीती से पढ़ेंगे ,और पढ़ने के बाद नीचे दिए गए क्वेश्चन को हल करेंगे।
प्रश्न - 
1. पवित्र आत्मा कैसे काम किया?
2. प्रेरितों और मंडली क्या-क्या किया, जो निम्नलिखित है ;-
  (i) प्रार्थना कहां और कैसे किया?
 (ii) कहां-कहां नया जगह गए?
(iii) किस प्रकार समाचार सुनाया ?
 (iv) कहां मंडली स्थापना किया?
 (v) मंडली ने क्या-क्या किया?
 (vi) सेवा के काम के लिए किसने अगवा बना / बनाया गया, बाहर और भीतर अगवा क्या-क्या किया? 
(vii) संघर्ष के समय मंडली ने क्या-क्या किया?
3. आपने क्या सीखे और किस प्रकार आप अपने जीवन , परिवार,मंडली में लागू करेंगे ?


1. पवित्र आत्मा ने कैसे काम किया?
 उत्तर- 
* प्रेरित 2:2,3  *पवित्र आत्मा मनुष्यों पर उतरा और वह अन्य-अन्य भाषा बोलने लगे, क्योंकि पवित्र आत्मा उसे बोलने की सामर्थ दी।

✓* प्रेरित 2:14 - 37,प्रेरित 4:8, प्रेरित 4:31, *पतरस के द्वारा पवित्र आत्मा इस तरह काम किया कि लोग अचंभित होकर पूछने लगे,पतरस और शेष प्रेरितों से,परमेश्वर में चलने के लिए हम क्या करें ।

2.

  (i) प्रार्थना कहां और कैसे किया?
 उत्तर- 
✓*प्रेरित 1:23-25   युसुफ को, जो बर-सबा कहलाता है और दूसरा Mattee को आगे करके प्रेरितों ने प्रार्थना की।
हे परमेश्वर अपने प्रेरिताई के पद लेने के लिए तु किसको चुना है, इसके बाद चिट्ठी डाली और चिट्ठी Mattee के नाम पर निकली, अतः Mattee प्रेरितों के साथ गिना गया।

✓* प्रेरित 4:24-30  *पतरस और यहुन्ना के साथ हुई सारी घटनाओं को बाकी सभी लोगों को सुनाया गया वह सभी एक मन और एक सिद्ध में होकर परमेश्वर से प्रार्थना की और धन्यवाद किया ।

✓* प्रेरित 6:1-7   *सेवा करने वाले बढ़ाने के बाद आपस में उलझने लगे और कहने लगे ,प्रत्येक दिन की सेवा में हमारे विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती है, तब प्रेरितों ने इकट्ठे होकर और सभी को इकट्ठा करके कहा ,यह ठीक नहीं है कि,हम परमेश्वर की सेवा को छोड़ खाने या खिलाने में लगे रहे ,तब उन में से सात लोगों को चुना जो पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था और उसको इन कामों में लगाऐं , यह बात सबको अच्छी लगी ,प्रेरितों ने उन सातों पर प्रार्थना किया उन कामों पर लगाया।

 (ii) कहां-कहां नया जगह गए?
 उत्तर-
 ✓* यरूशलेम के भीतर ही बचन सुनाया, मंदिर मे और सुलेमान के ओसारे में ।

(iii) किस प्रकार समाचार सुनाया ?
उत्तर- 
✓*  प्रेरित 4:8-14   *''पतरस का भाषण'' जो की मसीह यीशु के जी उठने के विषय में प्रचार करता और सीखाता रहा, बड़े-बड़े धर्मशास्त्र ,बड़े-बड़े सहायक के बीच में,आत्मा से परिपूर्ण होकर वचन सुनाएं।

✓* प्रेरित 2:14-42  *पवित्र आत्मा उतरने के बाद,सभी अन्य-अन्य भाषा में बोलने लगे,लोग अचंभित होकर आपस में वाद विवाद करने लगे,तब पतरस उठकर,यीशु मसीह के जी उठे हैं उदाहरण देकर वचन प्रचार किया।

✓* प्रेरित 3:11-26  *लंगड़े भिखारी को चंगा किये जाने के बाद,पतरस और यहुन्ना सुलेमान के ओसारे में,यीशु मसीह जी उठने के विषय में उदाहरण देकर वचन प्रचार किया, क्योंकि अचंभित होकर लोग दौड़कर देखने आए थे , आश्चर्य करते हुए पतरस ओर यहुन्ना के तरफ देख रहे थे ।

✓* प्रेरित 6:9-14 ,प्रेरित 7:1-60  *आसपास के देश और एशिया के लोग कई लोग उठकर,यह दोष लगने लगे कि हमने इसे परमेश्वर और मूसा पर झूठा दोष लगाते सुना है,पर सिस्तफनुस ने उस बीच में शुरुआत से कहानी को बताया,अब्राहम की कहानी से इसहाक तक आया,और इसहाक से याकूब तक याकूब से 12 कुलपति उत्पन्न हुए,कुलपति ने यूसुफ से डाह करके उसे मिस्र देश जाने वाले के हाथ बेच दिया,परंतु परमेश्वर उसके साथ था,उसे हर एक परेशानी से उसे छोड़ कर उसे बुद्धिमान प्रदान किया,समय-समय पर परमेश्वर कार्य करते गया,और उसे मिश्र के राजा फिरौन के सम्मुख बुद्धिमत्ता दिखा,तब यूसुफ को मिश्र के राजा फिरौन ने अपने सारे घराने पर हकीम होने का नियुक्त कर दिया, कुछ महीना या सालों के बाद,उस देश मिस्र और कानन और आसपास के सारे देश में भोजन वस्तु कि गंभीर कमी हुआ,तब याकूब को पता चला मिश्र में अनाज है ,उसने अपने सारे परिवार को मिश्र भेजा जब यूसुफ ने अपने भाई पर हर बातें प्रकट किया,तब राजा फिरौन को उसकी जाति का पता लग गय ,जब यूसुफ ने अपने पिता के सारे कुटुंब में को जो 75 व्यक्ति थे,बुला भेजा ,यूसुफ का बाप याकूब और दादा मिस्र में हि मरा उसके मृतक को उसे स्थान में पहुंचाया गया,जो अब्राहम ने चांदी देकर जमीन मोल खरीदी थी,अब यूसुफ से होकर अब्राहम की संतान मिस्र में बढ़ने लगे ,अब बढ़ाते बढ़ाते बहुत हो गया ,इतना बढ़ गया कि, अब गिनती में नहीं आने लगा, जब मिस्र में दूसरा राजा आया उसने यूसुफ को नहीं समझा,वह राजा अत्यंत कठोरता दिखाया, और इतना बुरा व्यवहार किया कि,यहां तक की अपने-अपने बालकों को फेक देना पड़ा,इस समय में मूसा उत्पन्न हुआ ,वह परमेश्वर के सम्मुख अच्छा था। तिन महीने तक अपने घर में पाला गया,जब उसे फेंक दिया गया तो फिरौन की बेटी ने उसे उठा लिया, और अपने पुत्र करके उसका पालन पोषण किया,मूसा मिश्र के सारी विधि पढ़ाई की,वचन धर्म कर्म दोनों में समर्थ था।
जब 40 साल का था, तब उसने इज्राएल के भाई से मिलने को गया, जब मिश्र ने इज्राएल के लोगों पर अत्याचार कर रहा थे, तब मूसा ने मिश्र के रहने वालो को जान से मार डाला ,फिर दूसरे दिन इज्राएल के रहने वाले आपस में लड़ रहे थे ,तब मूसा ने कहा तुम भाई भाई आपस में क्यों लड़ रहे हो, और एक दूसरे को अलग कर दिया ,लेकिन उसने मूसा को कहा, कल जिस प्रकार मिश्र के रहने वालो को मार डाला, क्या उसी प्रकार हमें भी मारेगा, तब मूसा डर गया और वहां से भागा,और विधान देश में परदेसी होकर रहने लगा,40 वर्ष बाद परमेश्वर ने उसे समर्थ दिया ,इज्राएल को मिश्री से आजाद करने के लिए,जब मिश्री से इज्राएल आजाद हुआ,तब इज्राएल के लोग मूसा की नहीं मानी ,सभी अपनी हाथ की बने बनाई हुई मूर्तियों को मानने लगे ,
          और सिस्तफनुस  ने बताया,  *दाउद के समय तक कैसे परमेश्वर निर्वाह किया,उसे पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया ,वह विनती करके याकूब के परमेश्वर के लिए निवास स्थान बनाया ,परंतु परमेश्वर के लिए सुलेमान निवास स्थान बनाया।
*'पर प्रभु कहता है स्वर्ग मेरे सिंहासन है,और पृथ्वी मेरी पांव तले की पीढ़ी है,मेरे लिए तुम किस प्रकार का घर बनाओगे और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा ,क्या यह सब वस्तुओं मेरे हाथ की बनाई हुई नहीं''  
और सिस्तफनुस ने यह भी बताया *तुम तो हमेशा से पवित्र आत्मा का विरोध करते आए हो ,और भी कई बातों को कहकर बचन सुनाया, पर उसका नहीं माना ,और उसी समय सिस्तफनुस पर पथराव किया गया, जिस समय प्राण को तोड़ रहे थे तो,उसने परमेश्वर से कहा ,हे प्रभु यह पाप उस पर मतलब मत लगा ...


(iv) कहां मंडली स्थापना किया?
उत्तर- 
✓* प्रेरित 6:4  *सटीक नहीं मिला,पर यूनानी,इब्रानी और अन्य भाषा वाले लोगों के बीच , नगर में मंडली स्थापना किया ।

 (v) मंडली ने क्या-क्या किया?
   उत्तर-   
✓* प्रेरितों 2:41-42; (प्रेरित 5:41-अपमानित होने से आनंदित)  *सभी प्रेरितों के आज्ञा मानने वाले विश्वासी थे, जो प्रेरितों से बपतिस्मा लिया,और शिक्षा पाने और रोटी तोड़ने,संगति रखने,प्रार्थना करने में नित्य लग रहे, हर बातों में परमेश्वर का धन्यवाद देता था ।

✓*प्रेरितों 7:1-60  *आत्मा में परिपूर्ण होकर सिस्तफनुस ने बड़े-बड़े अधिकारी और धर्म शास्त्री को वचन सुनाया।

(vi) सेवा के काम के लिए किसने अगवा बना / बनाया गया, बाहर और भीतर अगवा क्या-क्या किया? 
 उत्तर-
✓*प्रेरितों 2:1-42  *प्रेरितों में पतरस ने भूमिका को निभाया है,जो हर बातों में सभाओं  में वचन का पालन करते किया, जिस समय पवित्र आत्मा उतरा ,सभी अन्य-अन्य भाषा में बोलने लगे ,जिससे कि वहां पर लोग आपस में हंसी मजाक करने लगे ,तब पतरस उठा ओर सभी के विच वचन सुनाया।

(vii) संघर्ष के समय मंडली ने क्या-क्या किया?
उत्तर-
✓*प्रेरितों 4:23-30  *हर बातों में परमेश्वर से प्रार्थना किया करते थे , कि तू अपने पवित्र सेवकों को और ओर भी वचन सुनाने और समर्थ के काम को करने के लिए बुद्धि दे,और एक दूसरे के सहते हुए काम करते थे।

✓*प्रेरितों 6:8-15; प्रेरितों 7:1-53  *सिस्तफनुस का वचन प्रचार" , जब संघर्ष का समय था,उस समय भी परमेश्वर के वचन को सुनने से पीछे नहीं हटे..

# संघर्ष के समय प्रेरितों ने;-

* यहां पर पूरे प्रेरितों को भी संघर्ष का सामना करना...

✓*प्रेरितों 4:8-12  *पतरस ने संघर्ष के समय वचन प्रचार किया, यीशु मसीह के जीवनी के विषय में प्रचार किया....

नोट - कभी किसी ने वचन प्रचार करने से डरा नहीं।

3. आपने क्या सीखा,और किस प्रकार अपने जीवन में ,और परिवार, और मंडली में लागू करेंगे?
उत्तर-
(i) अपने जीवन में सिखाते हुए लागू:- 
 
•  *बचन सुनने में अगर हमें परेशानी का भी सामना करना पड़े तो भी, हम बचन प्रचार करेंगे...

•  *अगर हमें यीशु मसीह के नाम के लिए,अपमानित भी होना पड़े,तो भी हम,आनंद मनाएंगे ...

•  *हम इस बातों को भी सीखा,जब पवित्र आत्मा मुझ पर आएगा ,तो हम समर्थ पाएंगे,और साधारण लोगों से कुछ अलग ही मिजाज का दिखेंगे...

•  *पवित्र आत्मा तब हम पर उतरेगा,जब हम परमेश्वर के सारे आज्ञा को मानेंगे,
    जैसे:- प्रेरितों 5:32 
     पतरस ने कहा,
               हम इस बातों का गवाह हैं ,वैसे ही पवित्र आत्मा भी जिसे परमेश्वर ने उन्हें दिया है,जो उसकी आज्ञा मानते हैं ।

•  * प्रेरितों 4:32 *हम विश्वासी को एक समूह में मिलकर आपस में एक दूसरे के सहकार,हमेशा प्रेम में एक साथ एक मन रहेंगे।

(ii) अपने परिवार में लागू ;-  

•  *प्रेरितों 4:12 *हम अपने परिवार को यीशु मसीह के जीवित होने के की,यीशु मसीह उद्धार करता है किसी और के द्वारा हमारा पाप क्षमा नहीं, उदाहरण देकर ,इस तरह बचन प्रचार कर सकते हैं...

(iii)  मंडली को बताना;-

•   *प्रेरितों 4:1-22 *हम अपने मंडली को सिखा सकते हैं कि,बचन सुनते समय अगर,परेशानी भी आए तो भी हम, परमेश्वर के वचन सुनते नहीं छोड़ेंगे...

•   *प्रेरितों 4:23-31;प्रेरितों 4:32-36 ,विश्वास करने वालो मे सभी एक मन के थे,हर एक परेशानी में भी...

•   *और विशेष कर हम सभी को वचन प्रचार करना है,यीशु मसीह के विषय में,वह जी उठा हैं ,उदाहरण देकर, जैसे- प्रेरित पतरस और शेष प्रेरितों ने,और मंडली ने की, वह निरंतर गिनती में बढ़ते गए।

•   *पवित्र आत्मा उसे ही प्राप्त होता है,जो परमेश्वर की आज्ञा मानते हैं,उदाहरण देकर बता सकते हैं...

•   *हम यह भी प्रचार करेंगे की,अगर हमको जान से भी मार मारे तो भी,उनके प्रति बुरा व्यवहार या बुरा बर्ताव नहीं करेंगे,उनके बातों को सह लेना है,और उनके लिए प्रार्थना करना हैं...

•   *सभी को सिखा सकते हैं कि,हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी को पूरी करनी है,समय आने पर परमेश्वर अपना काम स्वयं पूरा करता हैं...













      
      
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