Jesus Christ स्वयं ईश्वर का अवतार है,उनकी दया और करुणा और प्रेम समझ और ज्ञान इंसानी सोचूं से कई गुना बड़ा है,और इनका जन्म आसान रूपों से नहीं हुआ है,विशेष कर ईश्वर की ओर से एक बड़ी योजना है, हम सभी निरंतर पाप करते जाते हैं,उन्हीं पापों से आजाद करने के लिए ईश्वर के प्रतिरूप Jesus christ स्वयं धरती पर आया,उन्होंने विधि के द्वारा मुक्ति की रास्तों बताया,और अनंत जीवन की हकदार बने योग बनाया,अब Jesus christ ने कहा जो कोई पश्चाताप करें उस पर दंड की आज्ञा नहीं, अर्थात हम एक किसी को अपनी पापो ईश्वर के सामने मान लेनी चाहिए,और उन्होंने बताया जो कोई मुंह से अंगीकार करते हुए Jesus Christ को मुक्तिदाता ग्रहण करते हुऐ चलेगा वह निश्चय पापों से उद्धार पाएगा, और भी बहुत सारे बाते को बताया,और जब समय पूरा हुआ तो सभी चेले लोगों के सम्मुख,उसके बीच से बादलों पर उठा लिया गया,यह नजारा काफी अद्भुत था,इस धरती पर उनकी रहन-सहन और समर्थ भी काफी अद्भुत था...
Jesus Christ;- Jesus Christ यहोवा परमेश्वर के प्रतिरूप है, और प्रत्यक्ष रूप में ईसा मसीह ईश्वर का पवित्र वचन है,जो देहधारी हुआ है, उसके इंसान स्वरूप में देहधारी होने का मुख्य वजह था इंसान के पापों को दूर करना,
पवित्र शास्त्र बाइबल के new Testament में *यहुन्ना कि पुस्तक अध्याय -1 पद- 1से5 के बीच में ईसा मसीह के विषय में समझने को मिलता है,
Jesus Christ अर्थात ईसा मसीह हीं आदि है और वह परमेश्वर के साथ था और जो भी वस्तु बनी बनाई या रची गई है सब उसी में स्थिर है
Jesus Christ अर्थात ईसा मसीह से ही हर एक वस्तु की सृष्टि हुई है,यहां तक की इंसान और हमारे आंखों के सामने होने वाली हर एक सनसनाहट ,देखी और अनदेखी हर एक वस्तु कि रचना ईसा मसीह से ही हुई है
पवित्र बाइबल की अध्ययन करने से Jesus Christ कौन है यह अच्छी सी समझ में आएंगे...
About jesus christ;- वह तो,अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप और सारी सृष्टि का पहला उठा है,और वही मरे हुऐ में से जी उठने में पहीलोठा है और सभी का,स्वर्ग हो या पृथ्वी की सबका न्याय दाता ईसा मसीह ही है...